लेखनी प्रतियोगिता -10-Dec-2021 था तो हो अजनबी
उसकी खुशबू की दीवानगी मेरी सांसों में बस गई है। महक गई फिजाओ में मै।
था तो वो अजनबी लेकिन।
देखने को उसको आहें भरती, सांसे भी मेरी उसके रहमों करम पर चलती।
था तो वो अजनबी लेकिन।
वह कौन है ,कहां से आया ,किधर जा रहा है लेकिन मेरा मन उसकी और खिचा जा रहा है।
था तो वो अजनबी लेकिन।
ना उसकी चाहत है ,ना दिल बेकरार है, फिर भी न जाने क्यों उसका इंतजार है।
था तो वो अजनबी लेकिन।
हर आहट पर कदम मेरे बढ़ जाते हैं कानों में न जाने कौन से सुर उसके बोल के घुल जाते हैं।
था तो वो अजनबी लेकिन।
Shrishti pandey
10-Dec-2021 11:38 PM
Behtreen
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Barsha🖤👑
10-Dec-2021 10:14 PM
👌👌👌👌
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Miss Lipsa
10-Dec-2021 05:16 PM
Bohot khoob
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